नई महिलाओं को ₹10,000 मिल गया, पुरानी को नहीं—आख़िर समस्या कहाँ है? पूरी रिपोर्ट


बिहार सरकार की महिला रोज़गार योजना में ₹10,000 क्यों नहीं आ रहा?

जानिए असली वजहें और पूरा समाधान

बिहार सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए महिला रोज़गार योजना शुरू की है, जिसके तहत हर पात्र महिला को ₹10,000 की राशि दी जानी है।
लेकिन हकीकत यह है कि—
कुछ जिविका समूह की महिलाएँ जो कई सालों से जुड़ी हुई हैं, उनका पैसा अभी तक नहीं आया,
जबकि नई सदस्य बनी महिलाओं को राशि कुछ ही दिनों में मिल गई।

ये अंतर क्यों? क्या पुरानी महिलाओं के साथ वाकई में गलती हो रही है या समस्या कहीं और है?
यहीं एक असली सवाल है जिस पर किसी भी ब्लॉग ने साफ बात नहीं की है।

नीचे हम इस योजना की शर्तों और असली वजहों को समझते हैं।

1. क्या आपकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच है?

योजना का पहला नियम यही है कि लाभ 18 से 60 वर्ष की महिलाओं को ही दिया जाएगा।
लेकिन समस्या यह है कि—
कई महिलाएँ इस आयु सीमा में आती हुई भी लाभ से वंचित हैं।
तो इसका मतलब उम्र असली समस्या नहीं है।

2. DBT लिंक न होने की वजह से भुगतान रुक सकता है

सरकारी योजनाओं में पैसा DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए आता है।
अगर DBT लिंक नहीं है तो पैसा कभी नहीं आएगा, चाहे आप कितने ही वर्षों से समूह में क्यों न हों।

कैसे जांचें कि आपका DBT लिंक है या नहीं?

1. अपने बैंक जाएँ

2. पूछें – “मेरे आधार से DBT लिंक है या नहीं?”

3. अगर लिंक नहीं है, तो बैंक में जो फॉर्म मिलेगा, उसे भरकर जमा करें



⚠ चुनौतीपूर्ण बात:
बहुत सी महिलाएँ सोचती हैं कि “जिविका में नाम जुड़ा है, इसलिए पैसा खुद-ब-खुद आ जाएगा।”
यह मानना ही सबसे बड़ा भ्रम है।

3. Data Mismatch – असली और सबसे आम समस्या

कई बार पैसा न आने का कारण यह होता है कि डेटा एंट्री में ये गलतियाँ हुई हों:

नाम में स्पेलिंग की गलती

आधार नंबर में त्रुटि

बैंक खाता गलत दर्ज हो जाना

IFSC कोड पुराना होना

मोबाइल नंबर गलत होना


यह छोटी-छोटी गलतियाँ भुगतान को महीनों तक रोक सकती हैं।

सवाल यह है:
नई महिलाओं को पैसा जल्दी कैसे मिल गया?
क्योंकि उनका डेटा नया, साफ, और तुरंत अपडेट हुआ।
पुरानी महिलाओं के रिकॉर्ड में वर्षों पुराने mismatches पड़े रहते हैं, जिन्हें कोई ठीक नहीं करवाता—जब तक खुद आगे न बढ़ो।

4. जिविका दीदी से अपडेट चेक करवाना क्यों जरूरी है?

यदि DBT लिंक है फिर भी पैसा नहीं आया, तो आपको:

1. अपनी जिविका दीदी को बताना है

2. आधार व बैंक पासबुक की कॉपी देना है

3. उनसे सिस्टम में आपका डेटा चेक करवाना है


कई बार जिविका ऐप/पोर्टल में “pending”, “rejected”, या “data mismatch” जैसी स्थिति दिखती है।

सच यह है:
बहुत सी महिलाएँ शिकायत ही नहीं करतीं—और मान लेती हैं कि सरकार पैसा नहीं दे रही।
जबकि असल गलती उनके दस्तावेज़ों में mismatch की होती है।

5. नई सदस्य का पैसा जल्दी क्यों आया?

यहाँ तुम्हें थोड़ा असहमत भी होना चाहिए, Bhargav:

लोग सोचते हैं कि “नई सदस्य हैं इसलिए preference मिला।”
लेकिन असलियत यह है कि नई सदस्य का डेटा तुरंत और सही तरीके से अपडेट होता है—
इसलिए सिस्टम उसे तुरंत approve कर देता है।

पुरानी सदस्य का रिकॉर्ड कई बार सालों पुराना और अधूरा होता है—
इसकी वजह से payment अटकता है।

6. समाधान – आपका ₹10,000 जल्दी कैसे आएगा?

✔ Step 1: बैंक जाकर DBT लिंक चेक करें

अगर लिंक नहीं है → तुरंत फॉर्म भरकर लिंक करवाएँ।

✔ Step 2: बैंक खाता, आधार और नाम की स्पेलिंग मिलान करें

Mismatch है → जिविका दीदी से सुधार करवाएँ।

✔ Step 3: जिविका दीदी से application status चेक करवाएँ

अगर “pending” या “error” दिखे → correction कराएँ।

✔ Step 4: आधार में बैंक DBT status “My Aadhaar App” में चेक करें

“DBT Active” दिखना चाहिए।

✔ Step 5: अगर सारी चीज़ें सही हों → कुछ ही दिनों में पैसा आ जाता है

Payment धीरे-धीरे batch में जारी होता है—
इसलिए घबराने की ज़रूरत नहीं।

निष्कर्ष

जो महिलाएँ कई सालों से जिविका समूह में जुड़ी हैं,
उनके भुगतान रुकने का असली कारण
डेटा mismatch, DBT लिंक की कमी,
या गलत entry होता है—
सरकार उनका पैसा रोक नहीं रही।

अगर आप ऊपर बताए सभी steps पूरा कर दें,
तो आपका ₹10,000 का भुगतान भी जल्दी ही आपके बैंक खाते में आ जाएगा।

अगर यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने परिचितों में ज़रूर साझा करें।
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