किस तरह का खतरा है?
कोई जब आपका AEPS ID और पासवर्ड मांगकर लेता है, तो वह आपके नाम पर अवैध ट्रांज़ैक्शन करवा सकता है।
शुरू में वह आपको 25% दे सकता है ताकि आप भरोसा कर लें।
फिर वह गैरकानूनी तरीके से पैसे निकालकर अलग-छिपे भेज देता है।
जब बैंक या कंपनी को फ्रॉड का पता चलता है, तो आगे की जिम्मेदारी आपके ऊपर आ सकती है।
कदम-दर-कदम क्या होता है:
- आप अपना ID और पासवर्ड किसी को दे देते हैं।
- वह व्यक्ति आपके ID से फ्रॉड ट्रांज़ैक्शन करता है।
- कंपनी/बैंक को चेज़बैक और फ्रॉड की सूचना मिलती है।
- कंपनी या बैंक आपसे पैसे रिकवर करने को कह सकता है।
- अंत में आपको कानूनी और वित्तीय समस्या झेलनी पड़ सकती है।
धोखेबाज़ किन तरिकों से फँसाते हैं:
लालच भरे ऑफर — बड़े प्रतिशत का वादा कर के।
शुरू में कुछ पैसे देकर भरोसा बनाना।
कंपनी का नाम जिक्र कर के भरोसा दिखाना।
DMT वगैरह के जरिए पैसे इधर-उधर भेज देना ताकि ट्रेस मुश्किल हो।
सुरक्षित रहने के आसान नियम:
अपना AEPS ID और पासवर्ड किसी के साथ कभी साझा न करें।
KYC और लॉगिन डिटेल सिर्फ़ आधिकारिक चैनल पर ही रखें।
अगर कोई बड़ा ऑफर दे रहा है तो तुरंत इनकार करें और जानकारी जाँचें।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत अपनी सर्विस प्रोवाइडर और बैंक को सूचित करें।
अगर आपका ID इस्तेमाल हो गया तो तुरंत करें:
- सर्विस प्रोवाइडर को लिखित में सूचित करें।
- बैंक को सूचित करके आवश्यक कदम उठाएँ।
- पुलिस में FIR दर्ज कराएँ।
- SMS, screenshots और जितने भी प्रमाण हों उन्हें संभाल कर रखें।
अंतिम संदेश (साफ़ और सीधे शब्दों में):
किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना ID, पासवर्ड या दस्तावेज़ न दें।
लालच में फँसने से बेहतर है सतर्क रहना।
इस जानकारी को अपने दोस्त-रिश्तेदारों के साथ भी शेयर करें ताकि और लोग बच सकें।
जय श्री राम